शनिवार, 12 जून 2010

garib ka jeena

प्रिय मित्र,
आपके पास एक क्षणिका भेज रहा हूँ,प्रतिक्रिया से अवगत करने की कृपा करें.
धन्यवाद्,
गरीब का जीना
केंचुए सा रेंगना बताते हैं.
केंचुए कि उपयोगिता
जमीन मे कितनी
शायद
नहीं जान पाते हैं.
डॉ अ कीर्तिवर्धन
९९११३२३७३२

रविवार, 6 जून 2010

khota sikka

खोटा सिक्का
हम खोटे ही सही,सिक्के तो हैं
नहीं चलेंगे कोई बात नहीं
कम से कम तौलने के काम तो आयेंगे.
आपकी जेब मे बजते रहेंगे
कुछ होने का अहसास तो दिलाएंगे.
हमें खोने का भी तुम्हे गम न होगा
हमें फैंकना मारने के काम तो आयेंगे.
हम खोटे सिक्के हैं
खोटे ही सही
वक़्त पर अपने होने का अहसास दिलाएंगे.
डॉ अ कीर्तिवर्धन
09911323732

vo mere hain

वो मेरे हैं
खुली आँखों से देखे हैं
तुने जो सपने
वो मेरे हैं.
उठ रहे तूफ़ान
जो दिले समंदर मे तेरे
वो मेरे हैं.
जरुरी तो नहीं
हर राह से तुम्ही गुजरों
कोई और गुजरा है उसी राह
तेरी चाह मे
देखें हैं कदमों के निशाँ
जो दिले राहों मे
वो मेरे हैं.
डॉ अ कीर्तिवर्धन
09911323732

rashak

रश्क
रश्क करने वाले मेरी ख़ुशी से
मेरे अश्कों का भी दीदार कर
छलकते हैं मेरे आंसू गैरों के गम मे
और बह जाते हैं उनका प्यार देखकर.
जीने कि तमन्ना जिनके दिलों मे
बस खुद का घर परिवार देखकर
मरे हुए हैं वो लोग मेरी नज़र मे
तड़फते नहीं कहीं उजड़ा संसार देखकर.

डॉ अ कीर्तिवर्धन
09911323732

शनिवार, 5 जून 2010

shabdon me

मैंने शब्दों में

भगवान को देखा

शैतान को देखा

आदमी तोबहुत देखे

पर

इंसान कोई कोई देखा।

इन्ही सब्दों में

मैंने प्यार को देखा

कदम कदम पर अंहकार भी देखा

धर्मात्मा तो बहुत देखे

पर

मानवता की खातिर

मददगार कोई कोई देखा।

इन्ही सब्दों में

मैंने चाह देखी

भगवान् पाने की

बुलंदियों पर जाने की

गिरते हुए भी मैंने बहुत देखे

पर गिरते को उठाने वाला

कोई कोई देखा।

इन्ही शब्दों में

भ्रष्टाचार को महिमा मंडित करते देखा

नारी की नग्नता को प्रदर्शित करते देखा

पर निर्लाजता पर चोट करते

कोई कोई देखा।

इन्हीशब्दों में

कामना करता हूँ इश्वर से

मुझे शक्ति दे

लेखनी मेरी चलती रहे

पर पीडा में लिखती रहे

पाप का भागी में banu

यश का भागी इश्वर रहे.
dr a kirtivardhan