चुनाव का मौसम है,होली का त्यौहार है
नेताओं के आचरण से,देश शर्मसार है.
ऐसे अवसर विशेष पर विनय बारम्बार है
होली के त्योहार का,निम्न आधार है.
होली की शुभ कामनाएँ
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खून की होली मत खेलो
अब प्यार के रंग मे रंग मे रंग जाओ.
जात -पात के रंग न घोलो
मानवता मे रंग जाओ.
भूख -गरीबी का दहन करो
भाई चारे मे रंग जाओ.
अंहकार की होली जला कर
विनम्रता मे रंग जाओ.
ऊँच नीच का भेद ख़त्म कर
आओ गले से मील जाओ.
होली पर्व का यही सन्देश
देश प्रेम मे रंग जाओ.
अ.कीर्तिवर्धन
सोमवार, 9 मार्च 2009
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