सचमुच सामजिक बहस हो या राजनैतिक, आज ज़रूरत है कि हम सब अपनी-अपनी बात कहें- और निर्णय पर पहुंचे कि हमारे हित में क्या है अनहित से हम कैसे बच सकते हैं. "उल्टा तीर" पर बहस के सन्दर्भ में आपने जो पोस्ट लिखी- उसके लिए मैं तहे-दिल से आभारी हूँ निम्न-लिखित सन्देश के साथ: लम्बी खामोशी के बाद "उल्टा तीर" फिर से जल्द हाज़िर होगा सामजिक, राजनैतिक उन सभी ज्वलंत मुद्दों पर बहस करने के लिए- जिन पर बहस अभी बाकी है मेरे दोस्त...इस बार कुछ और भी प्रावधान उल्टा तीर में किये जा रहे हैं- जो यकीनन पाठकों और लेखों को उल्टा तीर से जोड़े रखेंगे इक़ सार्थक दिशामें. बस कुछ ही इंतज़ार...साथ ही मौजे-सागर पर पढें मेरी कवितायेँ व दें अपनी प्रतिक्रियाएं- [शूल से होंगे इस बार शब्द मेरे....http://ultateer.blogspot.com/ http://mauj-e-sagar.blogspot.com]
main meel ka patthar nahi hun
simat jaaunga jo raahon me
main ek musaphir hun
jo aage badhta jaaunga chodkar apne nisaan
un pattharon ki chaaon me.
main aag ke dariya ko paar kar sakta hun
bhanwar me phansi jarjar kasti nikal sakta hun.
hai hawaon ka rukh badalne ka sahash mujhme
main insan aur insaaniyat se pyar karta hun.
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सचमुच सामजिक बहस हो या राजनैतिक, आज ज़रूरत है कि हम सब अपनी-अपनी बात कहें- और निर्णय पर पहुंचे कि हमारे हित में क्या है अनहित से हम कैसे बच सकते हैं. "उल्टा तीर" पर बहस के सन्दर्भ में आपने जो पोस्ट लिखी- उसके लिए मैं तहे-दिल से आभारी हूँ निम्न-लिखित सन्देश के साथ:
लम्बी खामोशी के बाद "उल्टा तीर" फिर से जल्द हाज़िर होगा सामजिक, राजनैतिक उन सभी ज्वलंत मुद्दों पर बहस करने के लिए- जिन पर बहस अभी बाकी है मेरे दोस्त...इस बार कुछ और भी प्रावधान उल्टा तीर में किये जा रहे हैं- जो यकीनन पाठकों और लेखों को उल्टा तीर से जोड़े रखेंगे इक़ सार्थक दिशामें. बस कुछ ही इंतज़ार...साथ ही मौजे-सागर पर पढें मेरी कवितायेँ व दें अपनी प्रतिक्रियाएं- [शूल से होंगे इस बार शब्द मेरे....http://ultateer.blogspot.com/ http://mauj-e-sagar.blogspot.com]
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अमित के सागर
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