रविवार, 12 जून 2011

aao papa mere paas

पापा तुम घर कब आओगे?
मम्मी मुझको रोज बताती
चंदामामा भी दिखलाती
क्यों रहते तुम चंदा पास?
नहीं आती क्या मेरी याद?

दादी भी मुझको बहकाती
भगवान् की बात सुनती
खेल रहे तुम उसके साथ
नहीं आती क्या मेरी याद?

पापा तुम जल्दी आ जाओ
वर्ना में खुद आ जाउंगी
भगवान् से बात करुँगी
तुमको घर ले आउंगी.

पा तुम जब घर आओगे
में संग आपके खेलूंगी
खाना खाऊं दूध पीउंगी
कभी नहीं में रोउंगी.

रात को जब मम्मी सोती है
बिस्तर मे वह रोटी है
करती वह तुमसे जब बात
आती मुझको आपकी याद.

डॉ अ कीर्तिवर्धन
09911323732
a.kirtivardhan@gmail.com
a.kirtivardhan@rediffmail.com

कोई टिप्पणी नहीं: