प्रिय मित्र,
आपके पास एक क्षणिका भेज रहा हूँ,प्रतिक्रिया से अवगत करने की कृपा करें.
धन्यवाद्,
गरीब का जीना
केंचुए सा रेंगना बताते हैं.
केंचुए कि उपयोगिता
जमीन मे कितनी
शायद
नहीं जान पाते हैं.
डॉ अ कीर्तिवर्धन
९९११३२३७३२
शनिवार, 12 जून 2010
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